बिखरा बिखरा झूमिल सा, मन चंचल थोड़ा सजल है। बिखरा बिखरा झूमिल सा, मन चंचल थोड़ा सजल है।
फ़रिश्ते मेरे दिल में फ़िर आज बैठे, उनकी मोहब्बत फ़िर झील हुई क्या ! फ़रिश्ते मेरे दिल में फ़िर आज बैठे, उनकी मोहब्बत फ़िर झील हुई क्या !
ये जानता है दिल, फिर भी इश्क़ बे-इंतेहा किये जाता है। ये जानता है दिल, फिर भी इश्क़ बे-इंतेहा किये जाता है।
मुस्कान अगर लब पे हो खिलती कभी कभी। मुस्कान अगर लब पे हो खिलती कभी कभी।
सुख का बिगुल बजता है अंधकार को भगाकर कमल दल फूल खिलता है। सुख का बिगुल बजता है अंधकार को भगाकर कमल दल फूल खिलता है।
रश्मियों के .... रथ पर होकर सवार ! तब खिलखिलाएगी उसकी सुनहरी किरणें पाकर उनको रश्मियों के .... रथ पर होकर सवार ! तब खिलखिलाएगी उसकी सुनहरी किरणें ...